होली रंगों का त्योहार है। होली का त्योहार आते ही लोग तरह-तरह के रंगों से सराबोर होना शुरू हो जाते हैं लेकिन बाजार में बिकने वाले कृत्रिम रंग सेहत के लिए काफी नुकसान दायक होते हैं। रंग खेलते समय इन कृत्रिम रंगों का आंखों में जाने का खतरा बना रहता है तो दूसरी ओर ये रंग त्वचा को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए होली में कृत्रिम रंगों से बचने की जरूरत है।
लाल रंग बनाने के लिए आप बीटरूट, अनार के छिलके, टमाटर या गाजर को पीसकर रस बना सकते हैं और उसको पानी में घोलकर अच्छी तरह से लाल रंग बना सकते हैं।
लाल रंग का गुलाल बनाने के लिए जपाकुसुम या गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर आटे के साथ मिलाकर गुलाल बना सकते हैं। या लाल चंदन के पावडर को भी आटे के साथ मिलाकर गुलाल बना सकते हैं। यह त्वचा के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।
नारंगी रंग बनाने के लिए- टेसू या पलाश के फूल को पीसकर पावडर बना लें और उसको पानी में घोलकर नारंगी रंग का मजा लें।
नारंगी रंग का गुलाल बनाने के लिए पलाश के फूल का पावडर चंदन के पावडर में मिलाकर गुलाल भी बना सकते हैं।
पीला रंग बनाने के लिए- पीला रंग का होली खेलने के लिए हल्दी को पानी में मिलाकर रंग बना सकते हैं।
हल्दी या कसुरी हल्दी को उसके दुगुने मात्रा में बेसन के साथ मिलाकर पीले रंग का गुलाल भी बना सकते हैं। बेसन के जगह पर हल्दी को मुल्तानी मिट्टी के साथ मिला सकते हैं। दोनों त्वचा के लिए अच्छा होता है। या आप गेंदे के फूल को भी पीसकर पीला रंग बना सकते हैं।
हरा रंग बनाने के लिए- आप धनिया या पालक के पत्ते को पीसकर पानी में मिलाकर हरा रंग बना सकते हैं।
इसके जगह पर मेंहदी के पावडर को समान मात्रा में आटे के साथ मिलाकर भी हरा रंग का गुलाल बना सकते हैं। यह बालों के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
इसके जगह पर मेंहदी के पावडर को समान मात्रा में आटे के साथ मिलाकर भी हरा रंग का गुलाल बना सकते हैं। यह बालों के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।
बैंगनी रंग बनाने के लिए- चुकंदर या बीटरूट को बारीक काट कर रात भर पानी में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह उबाल लें और छानकर इसका रस निकाल लें। इस रस को पानी में मिलाकर सुंदर बैंगनी रंग से होली खेलने का मजा उठा सकते हैं।
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